HDFC ने उधारी दर में की 5 आधार अंकों की वृद्धि, ईएमआई का बढ़ेगा बोझ
HDFC ने उधारी दर में की 5 आधार अंकों की वृद्धि, ईएमआई का बढ़ेगा बोझ
नई दिल्ली: अगर आपने एचडीएफसी से होम लोन लिया हुआ है, तो आपकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। अब आपको होम लोन पर बढ़ी हुई ईएमआई चुकानी होगी। होम लोन (Home Loan) मुहैया कराने वाली कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC) ने अपनी बेंचमार्क ऋण दर को 0.05 फीसद बढ़ा दिया है। इससे कंपनी से कर्ज ले चुके मौजूदा ग्राहकों के लिए मासिक किस्त (EMI) बढ़ जाएगी। एचडीएफसी से पहले अन्य ऋणदाताओं ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने भी अपनी ऋण दरों में वृद्धि की थी। कंपनी ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘एचडीएफसी ने होम लोन पर अपनी खुदरा प्रमुख ऋण दर (RPLR) को एक मई, 2022 से 0.05 फीसद बढ़ा दिया है।'
नए ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर नए ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। नए ग्राहकों के लिए दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। उनके लिए ब्याज दर कर्ज की राशि और अवधि के हिसाब से 6.70 से 7.15 फीसद तक रहेगी। इससे पहले पिछले महीने एसबीआई और अन्य ऋणदाताओं ने बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी की थी।
आरबीआई बढ़ा सकता है रेपो रेट
बढ़ती महंगाई के चलते आने वाले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) जैसे भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में लोग महंगाई से जूझ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय बैंक प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिज़र्व ने भी प्रमुख ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी के संकते दिए हैं। महंगाई को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अपनी अगली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को बढ़ा सकता है।
बढ़ जाएंगी लोन पर ब्याज दरें
रेपो रेट बढ़ने पर बैकों द्वारा भी लोन पर ब्याज दरों को बढ़ाया जाएगा। इससे ग्राहकों के लिए होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन सहित सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। साथ ही मौजूदा ग्राहकों को बढ़ी हुई ईएमआई देनी पड़ सकती है। बता दें कि आरबीआई के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) को लक्ष्य के भीतर रखना काफी मुश्किल हो रहा है। महंगाई दर लगातार लक्ष्य से बाहर बनी हुई है। आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 4 फीसद पर रखने के लिए बाध्य किया गया है, जिसमें यह 2 फीसद आगे-पीछे जा सकती है।